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बैंक डूबने पर इतना ही पैसा मिलेगा वापस, जानिये RBI के नियम RBI Rules

By Meera Sharma

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RBI Rules

RBI Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) देश के बैंकिंग सिस्टम को मजबूत और सुरक्षित बनाए रखने के लिए अनेक नियम बनाता है। इन्हीं नियमों में से एक महत्वपूर्ण नियम यह है कि अगर कोई बैंक डूब जाता है तो खाताधारक के जमा किए हुए पैसे उसे किस तरीके से वापस मिलेंगे। भारत में हर साल लाखों लोग अपने पैसे बैंकों में जमा करते हैं। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि अगर बैंक दिवालिया हो जाए, तो आपके पैसे कितने सुरक्षित रहेंगे।

डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) का महत्व

आरबीआई के अधीन ‘डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन’ (DICGC) नामक एक संस्था कार्य करती है। यह संस्था बैंक में जमा की गई राशि का बीमा करती है। इस नियम के अंतर्गत देश के सभी बैंक आते हैं, जिनमें व्यावसायिक बैंक, सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंक शामिल हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सहकारी समितियों में जमा किया गया पैसा इस बीमा के दायरे में नहीं आता, क्योंकि सहकारी समितियां DICGC के नियमों के अधीन नहीं आतीं।

पांच लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा

पहले बैंक डूबने पर खाताधारकों को अधिकतम एक लाख रुपये तक ही बीमा राशि मिलती थी। लेकिन हाल ही में इस राशि को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि अगर आपका बैंक दिवालिया हो जाता है, तो आपको अधिकतम पांच लाख रुपये तक की राशि वापस मिल सकती है। यह राशि आपके सभी खातों (सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट, करंट अकाउंट) में जमा कुल राशि पर लागू होती है, न कि प्रत्येक खाते पर अलग-अलग।

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विभिन्न प्रकार के खातों के लिए नियम

अगर आपके पास एक ही बैंक में कई खाते हैं, जैसे सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट, तो बैंक दिवालिया होने पर इन सभी खातों में जमा कुल राशि को जोड़ा जाएगा। अगर यह कुल राशि पांच लाख रुपये से कम है, तो आपको पूरी राशि वापस मिल जाएगी। लेकिन अगर जमा राशि पांच लाख रुपये से अधिक है, तो आपको केवल पांच लाख रुपये ही मिलेंगे। इसमें मूलधन और ब्याज दोनों शामिल हैं।

एक से अधिक बैंकों में खाता होने का फायदा

अगर आपके पास अलग-अलग बैंकों में खाते हैं, तो ऐसी स्थिति में आपको फायदा मिल सकता है। क्योंकि एक साथ दो या अधिक बैंकों के डूबने की संभावना बहुत कम होती है। अगर ऐसा असामान्य मामला हो भी जाता है कि आपके दोनों बैंक डूब जाते हैं, तो आपको हर बैंक से अलग-अलग पांच लाख रुपये तक की राशि मिल सकती है। यानी दो बैंकों से कुल दस लाख रुपये तक की सुरक्षा मिल सकती है।

एक ही बैंक की अलग-अलग शाखाओं में खाता

अगर आपके पास एक ही बैंक की अलग-अलग शाखाओं में खाते हैं, तो ये सभी खाते मिलकर एक ही खाता माने जाएंगे। इसका मतलब है कि बैंक डूबने पर आपको कुल मिलाकर अधिकतम पांच लाख रुपये ही मिलेंगे, चाहे आपके पास उस बैंक की कितनी भी शाखाओं में खाते क्यों न हों।

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ज्यादा पैसे के लिए क्या करें?

अगर आपके पास पांच लाख रुपये से अधिक की राशि है, तो आपको अपने पैसे अलग-अलग बैंकों में रखने चाहिए। इससे अगर कोई एक बैंक दिवालिया होता है, तो आपका सारा पैसा एक साथ खतरे में नहीं आएगा। साथ ही, अन्य निवेश विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए, जैसे सरकारी बॉन्ड, म्यूचुअल फंड या अन्य सुरक्षित निवेश।

बैंक में पैसे जमा करना अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि बैंक डूबने पर आपका पूरा पैसा सुरक्षित नहीं हो सकता। आरबीआई के नियमों के अनुसार, अधिकतम पांच लाख रुपये तक की राशि ही बीमित है। इसलिए अगर आपके पास इससे अधिक पैसा है, तो उसे विभिन्न बैंकों या अन्य विश्वसनीय निवेश विकल्पों में बांटकर रखना बुद्धिमानी होगी।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। वित्तीय निर्णय लेने से पहले बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। नियम और विनियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर नवीनतम जानकारी के लिए संपर्क करें।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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