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प्रोपर्टी खरीदते वक्त समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी, फुल पेमेंट एग्रीमेंट के चक्कर में बर्बाद हो जाएगी जीवनभर की कमाई Property Update

By Meera Sharma

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Property Update

Property Update: आज के महंगाई के दौर में घर खरीदना किसी सपने को साकार करने जैसा है। लोग अपनी जीवन भर की कमाई और बचत इसमें लगा देते हैं। एक घर सिर्फ रहने की जगह ही नहीं, बल्कि परिवार के लिए सुरक्षा और स्थिरता का प्रतीक भी होता है। लेकिन कई बार लोग थोड़े से पैसे बचाने के चक्कर में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनका खामियाजा उन्हें जिंदगी भर भुगतना पड़ सकता है।

थोड़े पैसे बचाने का लालच बड़ा नुकसान करा सकता है

प्रॉपर्टी की डीलिंग हमेशा बड़ी रकम में होती है, इसलिए सतर्कता बरतना बहुत जरूरी होता है। कई लोग स्टांप ड्यूटी के पैसे बचाने के चक्कर में फुल पेमेंट एग्रीमेंट या पावर ऑफ अटॉर्नी बनवा लेते हैं। उन्हें लगता है कि इससे वे बहुत बचत कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में वे अपनी पूरी संपत्ति को खतरे में डाल रहे होते हैं। नियम के अनुसार, जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको सरकार को स्टांप ड्यूटी देनी होती है, जिसके बाद ही आपकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो सकती है।

फुल पेमेंट एग्रीमेंट क्या है?

फुल पेमेंट एग्रीमेंट एक ऐसा दस्तावेज है, जो प्रॉपर्टी की पूरी रकम चुकाने के बाद बनाया जाता है। कई लोग स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए रजिस्ट्री के बजाय इसे बनवा लेते हैं। लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप जान लें कि फुल पेमेंट एग्रीमेंट से आपको किसी भी प्रॉपर्टी का कानूनी मालिकाना हक नहीं मिलता है। यह एग्रीमेंट सिर्फ एक निश्चित समय के लिए होता है और इससे आप प्रॉपर्टी के वैध मालिक नहीं बन सकते।

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कानूनी रूप से मालिक बनने के लिए रजिस्ट्री जरूरी है

किसी भी प्रॉपर्टी का कानूनी मालिक बनने के लिए उसकी रजिस्ट्री करवाना अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्री के, आप चाहे जितनी भी रकम चुका दें, वह प्रॉपर्टी आपकी नहीं होगी। स्टांप ड्यूटी चुकाकर रजिस्ट्री करवाना एक कानूनी आवश्यकता है, जिससे आपको वैध स्वामित्व मिलता है। रजिस्ट्री के बिना, प्रॉपर्टी बेचने वाला या उसके परिवार के सदस्य भविष्य में आपकी प्रॉपर्टी पर दावा कर सकते हैं।

विवाद की स्थिति में फुल पेमेंट एग्रीमेंट की कमजोरी

अगर कभी प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद खड़ा होता है तो फुल पेमेंट एग्रीमेंट कोर्ट में बहुत कमजोर साबित होता है। कई मामलों में देखा गया है कि प्रॉपर्टी बेचने वाले की मृत्यु के बाद उसके बच्चे या रिश्तेदार उस प्रॉपर्टी पर अपना दावा कर देते हैं। ऐसी स्थिति में, बिना रजिस्ट्री के आप अपना मालिकाना हक साबित नहीं कर पाएंगे। इस तरह, आपकी सारी मेहनत की कमाई व्यर्थ हो जाती है।

रजिस्ट्री के बाद दाखिल-खारिज भी जरूरी है

प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाने के बाद एक और महत्वपूर्ण कदम है – दाखिल-खारिज यानी म्यूटेशन करवाना। इससे सरकारी रिकॉर्ड में प्रॉपर्टी का मालिकाना हक आपके नाम पर दर्ज हो जाता है। इससे लगान और अन्य सरकारी देनदारियां भी आपके नाम पर आ जाती हैं। दाखिल-खारिज न करवाने पर भविष्य में कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।

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सुरक्षित निवेश के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करें

प्रॉपर्टी खरीदना आपके जीवन का एक बड़ा निर्णय है और इसमें लापरवाही भारी पड़ सकती है। थोड़े पैसे बचाने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को अनदेखा न करें। स्टांप ड्यूटी देकर रजिस्ट्री करवाना और फिर दाखिल-खारिज प्रक्रिया पूरी करना आपकी प्रॉपर्टी को सुरक्षित रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। याद रखें, प्रॉपर्टी में निवेश करते समय पैसे बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है आपके निवेश की सुरक्षा और कानूनी वैधता।

आज के समय में जब प्रॉपर्टी विवादों के मामले बढ़ रहे हैं, तब इन कानूनी प्रक्रियाओं का महत्व और भी बढ़ जाता है। अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए सही कानूनी मार्ग का ही चयन करें और अपने सपनों के घर का आनंद बिना किसी चिंता के लें।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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