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इनकम टैक्स विभाग को खटकते हैं ये 5 ट्रांजेक्शन, गलती की तो तुरंत मिलेगा नोटिस Income Tax Rules

By Meera Sharma

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Income Tax Rules

Income Tax Rules: आयकर विभाग देश में टैक्स संग्रह और टैक्स चोरी रोकने के लिए निरंतर सक्रिय रहता है। सरकार के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा टैक्स से आता है, इसलिए विभाग हर तरह के वित्तीय लेनदेन पर कड़ी नजर रखता है। चाहे आप ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करें या कैश में लेनदेन, आयकर विभाग की निगरानी से कोई भी बड़ा लेनदेन नहीं बच पाता। यदि विभाग को किसी लेनदेन में अनियमितता का संदेह होता है, तो वह आपको सीधे नोटिस भेज सकता है। ऐसे नोटिस का जवाब देना अनिवार्य होता है, अन्यथा आप गंभीर कानूनी परेशानियों में पड़ सकते हैं।

बचत खाते में 10 लाख से अधिक जमा करने पर ध्यान दें

अगर आपने किसी वित्त वर्ष में अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि जमा की है, तो आयकर विभाग आपसे इस पैसे के स्रोत के बारे में पूछताछ कर सकता है। यह राशि चाहे एक ही खाते में जमा की गई हो या अलग-अलग खातों में, विभाग की नजर इस पर रहती है। बैंक, आयकर विभाग को बड़े लेनदेन की जानकारी स्वतः ही भेज देते हैं। इसलिए अगर आप इतनी बड़ी राशि जमा करते हैं, तो आपके पास उस राशि के स्रोत का वैध प्रमाण होना चाहिए।

एक लाख से अधिक की कैश एफडी पर विभाग की नजर

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) आम लोगों के लिए निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प है, लेकिन अगर आप 1 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि नकद में एफडी करवाते हैं, तो आयकर विभाग इस पर संदेह कर सकता है। बैंक इस तरह के लेनदेन की जानकारी विभाग को देते हैं, जिसके बाद विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। इस नोटिस में आपसे पूछा जा सकता है कि इतनी बड़ी राशि का स्रोत क्या है और क्या आपने इस पर नियमानुसार टैक्स चुकाया है।

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प्रॉपर्टी खरीद में नकद लेनदेन से बचें

प्रॉपर्टी खरीदना एक बड़ा निवेश होता है, और इसमें नकद लेनदेन पर आयकर विभाग की खास नजर रहती है। यदि आप किसी प्रॉपर्टी की खरीद में 30 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि नकद में देते हैं, तो यह आयकर विभाग के रडार पर आ जाता है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के समय ही रजिस्ट्रार इस जानकारी को विभाग को भेज देता है। इसलिए प्रॉपर्टी की खरीद में अधिक से अधिक डिजिटल या बैंक ट्रांसफर का उपयोग करना बेहतर होता है।

क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान पर भी रखें ध्यान

अगर आप क्रेडिट कार्ड का 1 लाख रुपये या उससे अधिक का बिल नकद में चुकाते हैं, तो यह भी आयकर विभाग के संज्ञान में आ सकता है। इसी प्रकार, किसी भी माध्यम से 10 लाख रुपये से अधिक की पेमेंट करने पर भी विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। इसलिए बड़े बिलों के भुगतान में पारदर्शी माध्यमों का उपयोग करना बेहतर होता है।

आयकर नोटिस का जवाब कैसे दें?

यदि आपको आयकर विभाग से कोई नोटिस मिलता है, तो घबराएं नहीं। सबसे पहले नोटिस को ध्यान से पढ़ें और समझें कि विभाग आपसे क्या जानकारी मांग रहा है। फिर सटीक, सही और स्पष्ट जवाब तैयार करें। जरूरत पड़ने पर किसी कर सलाहकार या वकील की मदद ले सकते हैं, ताकि आपका जवाब विभाग की आवश्यकताओं के अनुरूप हो और आपको कोई कानूनी परेशानी न हो। याद रखें, नोटिस का जवाब देना अनिवार्य है, और समय पर सही जवाब देने से आप अनावश्यक जुर्माने और परेशानी से बच सकते हैं।

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सावधानियां और सुझाव

बड़े लेनदेन करते समय हमेशा पारदर्शिता बनाए रखें। अपनी आय का सही हिसाब रखें और नियमित रूप से टैक्स रिटर्न फाइल करें। अगर आप बड़ी राशि जमा करवाते हैं या निकालते हैं, तो उसके स्रोत या उपयोग का प्रमाण अपने पास रखें। बैंक ट्रांजैक्शन, चेक या डिजिटल भुगतान जैसे पारदर्शी माध्यमों का उपयोग करें। अनावश्यक रूप से बड़े नकद लेनदेन से बचें, क्योंकि ये आयकर विभाग के लिए संदेह का कारण बन सकते हैं।

आयकर विभाग की निगरानी से बचना न तो संभव है और न ही उचित। इसलिए हमेशा वित्तीय अनुशासन बनाए रखें, नियमों का पालन करें और सभी लेनदेन में पारदर्शिता बरतें। इससे न केवल आप आयकर नोटिस जैसी परेशानियों से बचेंगे, बल्कि देश के विकास में भी अपना योगदान देंगे। याद रखें, टैक्स चुकाना हमारा कर्तव्य है और पारदर्शी वित्तीय व्यवहार एक जिम्मेदार नागरिक की पहचान है।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। विशिष्ट वित्तीय या कानूनी सलाह के लिए कृपया किसी योग्य विशेषज्ञ से परामर्श करें। आयकर नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट देखें।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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