EPFO Rules: केंद्र सरकार कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। EPFO के तहत वेज सीलिंग लिमिट को वर्तमान के 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रति माह करने की योजना है। यह निर्णय देश के करोड़ों वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी साबित हो सकता है। वेज सीलिंग लिमिट वह अधिकतम वेतन सीमा होती है जिसके आधार पर EPF और EPS में कर्मचारी तथा नियोक्ता का योगदान निर्धारित होता है। इस बदलाव से न केवल कर्मचारियों का भविष्य निधि में योगदान बढ़ेगा बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
वर्तमान योगदान प्रणाली और इसमें होने वाले परिवर्तन
फिलहाल EPF की मौजूदा व्यवस्था के अनुसार हर महीने कर्मचारी की मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12 प्रतिशत हिस्सा PF खाते में जमा होता है। इसी प्रकार नियोक्ता भी 12 प्रतिशत का योगदान करता है। कंपनी के योगदान में से 8.33 प्रतिशत राशि कर्मचारी के पेंशन फंड में जाती है और शेष 3.67 प्रतिशत PF खाते में जमा होती है। वर्तमान में पेंशन योग्य वेतन की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये है, जिससे प्रति माह 1,250 रुपये पेंशन खाते में जमा होते हैं। यदि यह सीमा बढ़कर 21,000 रुपये हो जाती है तो मासिक पेंशन योगदान बढ़कर 1,749 रुपये हो जाएगा।
नई व्यवस्था में पेंशन की गणना
पेंशन की गणना के लिए एक व्यावहारिक उदाहरण देखते हैं। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 25 वर्ष की आयु में नौकरी शुरू की और 58 वर्ष में सेवानिवृत्त हुआ, यानी कुल 33 वर्ष की सेवा दी। EPS के नियमों के अनुसार पेंशन की गणना सेवानिवृत्ति से पहले के 60 महीनों के औसत मासिक वेतन के आधार पर होती है। यदि इस अवधि में अधिकतम मूल वेतन 21,000 रुपये रहा हो तो इसी आधार पर पेंशन मिलेगी। EPS के तहत पेंशन की गणना का सूत्र है: कुल सेवा वर्ष × औसत मासिक वेतन ÷ 70। इस हिसाब से 21,000 × 33 ÷ 70 = 9,900 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी।
मौजूदा नियमों के तहत पेंशन की तुलना
वर्तमान व्यवस्था में 15,000 रुपये की वेज सीलिंग के साथ उसी व्यक्ति को जो 33 वर्ष सेवा करके सेवानिवृत्त होता है, उसकी मासिक पेंशन 15,000 × 33 ÷ 70 = 7,071 रुपये होगी। नई व्यवस्था में यह राशि बढ़कर 9,900 रुपये हो जाएगी, जो कि 2,829 रुपये की महत्वपूर्ण वृद्धि है। यह वृद्धि लगभग 40 प्रतिशत के बराबर है जो कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद की आर्थिक सुरक्षा में काफी सुधार लाएगी।
कर्मचारियों पर सकारात्मक प्रभाव
इस बदलाव से न केवल मौजूदा कर्मचारियों को लाभ होगा बल्कि अधिक कर्मचारी EPS योजना के दायरे में आ सकेंगे। यह कदम विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा जिनकी मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक है। वेज सीलिंग बढ़ने से उनका पेंशन फंड में योगदान बढ़ेगा और सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। यह निर्णय सरकार की कर्मचारी कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी उपलब्ध समाचार स्रोतों पर आधारित है। वास्तविक नीतिगत बदलाव सरकारी घोषणाओं के बाद ही प्रभावी होंगे। कर्मचारियों को सटीक जानकारी के लिए EPFO की आधिकारिक वेबसाइट या अपने नियोक्ता से संपर्क करना चाहिए।