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RBI का बड़ा फैसला! चेक बाउंस पर नहीं लगेगा अब भारी जुर्माना RBI Cheque Bounce Rule

By Meera Sharma

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RBI Cheque Bounce Rule

RBI Cheque Bounce Rule: आज के डिजिटल युग में भले ही ऑनलाइन भुगतान का चलन बढ़ गया है, लेकिन बड़े व्यापारिक लेनदेन और आधिकारिक भुगतानों में चेक का उपयोग अभी भी प्रचलित है। हालांकि, चेक बाउंस होने पर लगने वाले भारी जुर्माने से आम लोग और छोटे व्यापारी परेशान रहते थे। इस समस्या को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक नया नियम जारी किया है, जिससे चेक बाउंस पर लगने वाले अनावश्यक शुल्क से राहत मिलेगी।

RBI का नया नियम क्या है?

RBI के नए आदेश के अनुसार, अब बैंक चेक बाउंस होने पर मनमाने तरीके से भारी जुर्माना नहीं वसूल सकेंगे। बैंकों को केवल उतना ही शुल्क लेने की अनुमति होगी, जितना RBI की गाइडलाइन के तहत उचित माना गया है। यह नियम ग्राहकों को पहले की तरह ₹300 से ₹500 या इससे अधिक के अनावश्यक चार्ज से बचाएगा। साथ ही, सभी बैंकों को अपनी वेबसाइट पर चेक बाउंस शुल्क की पूरी जानकारी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करनी होगी, जिससे ग्राहकों को पहले से ही पता चल जाएगा कि उन्हें कितना शुल्क देना पड़ सकता है।

पुराने नियम में क्या समस्या थी?

पहले के नियमों में सबसे बड़ी समस्या यह थी कि बैंक चेक बाउंस पर ₹350 से लेकर ₹750 तक, और कभी-कभी ₹1000 तक भी शुल्क वसूल लेते थे। अधिकांश ग्राहकों को यह नहीं पता होता था कि इतना अधिक शुल्क क्यों लिया जा रहा है, और वे बैंक से स्पष्ट जानकारी भी नहीं प्राप्त कर पाते थे। इससे आम लोगों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ता था, खासकर जब चेक तकनीकी कारणों से बाउंस होता था।

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ग्राहकों को क्या मिलेगा फायदा?

यह नया नियम विशेष रूप से कम आय वाले लोगों और छोटे व्यापारियों के लिए राहत लेकर आएगा। कई बार चेक बाउंस तकनीकी कारणों या छोटी गलतियों के कारण हो जाता है, लेकिन उस पर भारी जुर्माना लगाना एक अतिरिक्त बोझ था। अब इस नए नियम से न केवल अनावश्यक आर्थिक दबाव कम होगा, बल्कि बैंकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। ग्राहक अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक रहेंगे और बैंक मनमानी नहीं कर पाएंगे।

किन परिस्थितियों में लगेगा शुल्क?

RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर चेक बाउंस ग्राहक की गलती से हुआ है, तो बैंक नाममात्र का सेवा शुल्क वसूल सकता है। उदाहरण के लिए, यदि ग्राहक के खाते में पर्याप्त राशि नहीं है या गलत IFSC या अकाउंट डिटेल्स दी गई है, तो शुल्क लग सकता है। लेकिन अगर चेक बाउंस बैंक की गलती या तकनीकी समस्या के कारण हुआ है, जैसे क्लियरिंग में देरी या सिस्टम की खराबी, तो कोई शुल्क नहीं लगेगा। यह ग्राहकों के हितों की रक्षा करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

छोटे व्यापारियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष राहत

यह नियम छोटे दुकानदारों, व्यापारियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा। छोटे व्यापारी जो अपने सप्लायर्स को चेक के माध्यम से भुगतान करते हैं, अब भारी जुर्माने की चिंता से मुक्त होंगे। वरिष्ठ नागरिक, जिनके खाते में कभी-कभी बैलेंस कम हो जाता है, उन्हें भी अतिरिक्त शुल्क का डर नहीं रहेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां चेक का उपयोग अभी भी अधिक होता है, यह नियम एक बड़ी राहत के रूप में सामने आएगा।

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कब से लागू होगा नया नियम?

RBI का यह नया आदेश 1 जुलाई 2025 से देश भर के सभी बैंकों पर लागू होगा। सभी सार्वजनिक और निजी बैंकों को इसका पालन करना होगा। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक की वेबसाइट पर “Service Charges” सेक्शन में जाकर नए चार्ज के बारे में जानकारी प्राप्त करें। अगर चेक बाउंस होता है, तो बैंक से पूरी जानकारी लेकर ही शुल्क का भुगतान करें, और यदि मनमाना जुर्माना लगाया जाए तो RBI में शिकायत दर्ज करें।

यह नया कदम बैंकिंग प्रणाली को अधिक पारदर्शी और ग्राहक-हितैषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पहले जहां ग्राहकों को बिना वजह भारी जुर्माना भरना पड़ता था, वहीं अब वे न केवल बैंक से सही जानकारी मांग सकते हैं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर रिफंड भी प्राप्त कर सकते हैं। यह ग्राहकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनके वित्तीय हितों की रक्षा करने का एक सराहनीय प्रयास है।

अस्वीकरण: यह जानकारी RBI के नवीनतम आदेशों और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। बैंकिंग नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए कृपया अपने बैंक या RBI की आधिकारिक वेबसाइट से अद्यतन जानकारी प्राप्त करें।

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Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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