Land Registry Rule: हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसके पास अपनी खुद की जमीन हो, चाहे वो गांव में रहता हो या शहर में। लेकिन जमीन खरीदने के बाद उसकी रजिस्ट्री करवाना लोगों के लिए बड़ी चुनौती होती है। स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस इतनी अधिक होती है कि कई लोग अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवाने से हिचकिचाते हैं। अब सरकार ने इस समस्या को समझते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। 31 मई 2025 से लागू होने वाले नए नियम के तहत, जमीन की रजिस्ट्री बेहद सस्ती कर दी गई है।
नए नियम का विवरण और लाभ
नए नियम के अनुसार, कुछ विशेष श्रेणियों के लोग अब मात्र ₹100 से ₹500 के बीच जमीन की रजिस्ट्री करवा सकते हैं। यह बदलाव विशेष रूप से गरीब, मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। पहले जहां रजिस्ट्री में हजारों रुपये खर्च होते थे, वहीं अब यह काम मामूली राशि में हो जाएगा, जिससे लोगों का बोझ काफी कम हो जाएगा।
इस नियम से न केवल जमीन की रजिस्ट्री सस्ती होगी, बल्कि इससे कई अन्य फायदे भी होंगे। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी। साथ ही, महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि महिला खरीदारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ?
सभी लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते। सरकार ने कुछ विशेष श्रेणियों के लिए ही यह सुविधा प्रदान की है। इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख से कम है, जिनके पास पहले से कोई संपत्ति नहीं है, और जो पहली बार जमीन खरीद रहे हैं।
विशेष रूप से, बीपीएल परिवार, ग्रामीण निवासी, महिलाएं, अनुसूचित जाति/जनजाति के सदस्य, प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी, किसान और मजदूर वर्ग को इस योजना का लाभ मिलेगा। आवेदन करने के लिए आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज अनिवार्य होंगे।
राज्यवार रजिस्ट्री दरें
विभिन्न राज्यों में रजिस्ट्री की दरें अलग-अलग निर्धारित की गई हैं। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बीपीएल, ग्रामीण और महिला खरीदारों के लिए मात्र ₹100 में रजिस्ट्री की जा सकेगी। बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के लिए यह दर ₹200 होगी।
मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के लिए ₹150, छत्तीसगढ़ में गरीब परिवारों और किसानों के लिए ₹120, झारखंड में सभी ग्रामीण लाभार्थियों के लिए ₹100, और पंजाब में किसान और मजदूर वर्ग के लिए ₹500 की दर निर्धारित की गई है। यह सभी नई दरें 31 मई 2025 से लागू होंगी।
जमीन रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज
जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज आवश्यक होंगे। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड (यदि लागू हो), राशन कार्ड, भूमि विक्रय अनुबंध, भूमि का खतौनी/पर्चा और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं। ये दस्तावेज आवेदक की पहचान और पात्रता साबित करने के लिए जरूरी हैं।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
नई व्यवस्था के तहत, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है। आवेदन करने के लिए, आपको संबंधित राज्य की भूमि रजिस्ट्री वेबसाइट पर जाना होगा। वहां लॉगिन करके अपनी जानकारी भरनी होगी और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
फिर ₹100 की रजिस्ट्रेशन फीस ऑनलाइन जमा करनी होगी और नियुक्ति की तारीख चुननी होगी। निर्धारित तिथि पर दस्तावेजों की जांच के बाद आपको पंजीकरण प्रमाण पत्र मिल जाएगा। इस तरह से, पूरी प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाई गई है।
एक वास्तविक उदाहरण
सीतापुर (उत्तर प्रदेश) के एक छोटे किसान रामदीन के पास वर्षों से 3 बीघा जमीन थी, लेकिन रजिस्ट्री की भारी फीस के कारण वे इसे अपने नाम नहीं करवा पा रहे थे। मई 2025 में सरकार की नई नीति के तहत उन्होंने मात्र ₹100 देकर अपनी जमीन रजिस्टर करवाई। इससे उन्हें न केवल मानसिक शांति मिली, बल्कि अब वे सरकारी योजनाओं का लाभ भी आसानी से प्राप्त कर पा रहे हैं।
इस नई पहल से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को अपनी जमीन का कानूनी अधिकार पाने में मदद मिलेगी। यह सरकार द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है, जो वास्तव में गरीबों के हित में है। अगर आप भी इस श्रेणी में आते हैं, तो 31 मई के बाद इस नियम का लाभ अवश्य उठाएं।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी वित्तीय या कानूनी निर्णय से पहले स्थानीय रजिस्ट्रार कार्यालय या आधिकारिक पोर्टल से जानकारी अवश्य लें।