8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण समय आने वाला है। अगले वर्ष 2026 में 8वां वेतन आयोग लागू किए जाने की संभावना है, जिसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। 31 दिसंबर 2025 को 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, जिसके बाद 1 जनवरी 2026 से नया वेतन आयोग प्रभावी हो सकता है। हालांकि, संभावनाएं हैं कि इसे अप्रैल से जून 2025 के बीच कभी भी घोषित किया जा सकता है, परंतु अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
फिटमेंट फैक्टर का महत्व
फिटमेंट फैक्टर केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी निर्धारित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक ऐसा गुणक है, जिससे पुरानी बेसिक सैलरी को नई बेसिक सैलरी में परिवर्तित किया जाता है। इसके लिए एक सरल फॉर्मूला है – नई बेसिक सैलरी = पुरानी बेसिक सैलरी × फिटमेंट फैक्टर। इस फैक्टर के कारण ही कर्मचारियों के वेतन में कई गुना वृद्धि संभव हो पाती है। विभिन्न कर्मचारी संगठन इस फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 तक करने की मांग कर रहे हैं, ताकि वेतन और पेंशन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो सके।
पिछले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर
पिछले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर की भूमिका को समझना महत्वपूर्ण है। जब 6वां वेतन आयोग लागू किया गया था, तब 1.86 का फिटमेंट फैक्टर निर्धारित किया गया था, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में 54 फीसदी की वृद्धि हुई थी। वहीं, 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 होने पर न्यूनतम सैलरी में 14.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। इसमें एक महत्वपूर्ण बात यह है कि फिटमेंट फैक्टर का अधिक होना हमेशा वेतन में अधिक बढ़ोतरी का संकेत नहीं देता। 7वें वेतन आयोग के लागू होने पर, केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी।
8वें वेतन आयोग में संभावित फिटमेंट फैक्टर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच निर्धारित किया जा सकता है। हालांकि, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने हाल ही में कहा है कि 2.86 तक की बढ़ोतरी संभव नहीं हो सकती। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 निर्धारित होता है, तो एक कर्मचारी जिसकी वर्तमान बेसिक सैलरी 25,000 रुपये है, उसकी नई बेसिक सैलरी 71,500 रुपये (25,000 × 2.86) हो सकती है। वहीं, अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा।
वेतन पर प्रभाव
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद, केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 40 से 50 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है, तो नए वेतन आयोग के बाद यह 46,600 से 57,200 रुपये तक पहुंच सकती है। यह वृद्धि न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारेगी, बल्कि पेंशनभोगियों को भी लाभ पहुंचाएगी। हालांकि, वास्तविक बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर के अंतिम निर्धारण और अन्य भत्तों में परिवर्तन पर निर्भर करेगी।
डीए और अन्य भत्तों में बदलाव
8वें वेतन आयोग के लागू होने के साथ ही, महंगाई भत्ता (डीए) और अन्य भत्तों में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों के वेतन ढांचे में महत्वपूर्ण परिवर्तन आएगा। इसके अलावा, अन्य भत्तों जैसे मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता, और शिक्षा भत्ता में भी संशोधन की संभावना है।
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक नई आस लेकर आ रहा है। फिटमेंट फैक्टर और अन्य भत्तों में होने वाले बदलावों से उनके वेतन और पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि हो सकती है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक घोषणा न होने के कारण, सटीक आंकड़ों के लिए इंतजार करना होगा। केंद्रीय कर्मचारियों को चाहिए कि वे वित्त मंत्रालय और सरकार की आधिकारिक घोषणाओं पर नजर रखें, ताकि सही जानकारी प्राप्त कर सकें। आने वाले समय में 8वें वेतन आयोग से जुड़ी और अधिक स्पष्टता आने की उम्मीद है।