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सरकारी कर्मचारियों को लग सकता है बड़ा झटका, जानें सैलरी-पेंशन में कितना होगा इजाफा 8th Pay Commission

By Meera Sharma

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8th Pay Commission

8th Pay Commission: जनवरी 2024 में मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया था। इस घोषणा के बाद से ही लगभग 1.2 करोड़ केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसबरी से इंतजार कर रहे हैं कि उनकी सैलरी और पेंशन में कितना इजाफा होगा। सबसे महत्वपूर्ण चर्चा का विषय फिटमेंट फैक्टर है, क्योंकि इसी के आधार पर नई बेसिक सैलरी की गणना की जाएगी।

टर्म्स ऑफ रेफरेंस की प्रतीक्षा

सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार जल्द ही आठवें वेतन आयोग के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) प्रस्तुत करेगी। एक बार टीओआर को अंतिम रूप देने के बाद, आयोग के लिए चेयरमैन और मुख्य सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। पिछले महीने सरकार ने दो अलग-अलग सर्कुलर जारी किए थे, जिनसे पता चला कि आठवें वेतन आयोग में 40 कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इनमें से अधिकांश पदों पर विभिन्न सरकारी विभागों से अधिकारियों को डेपुटेशन के आधार पर नियुक्त किया जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर की मांग

विभिन्न कर्मचारी संगठन आठवें वेतन आयोग में उच्च फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं। कुछ संगठनों ने 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की मांग की है, ताकि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की मौजूदा आय में पर्याप्त वृद्धि हो सके। हालांकि, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने हाल ही में कहा था कि इतनी बड़ी बढ़ोतरी (2.86) संभव नहीं है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि आठवें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आसपास हो सकता है।

वास्तविक वेतन वृद्धि कितनी होगी?

फिटमेंट फैक्टर को बेसिक वेतन के आधार पर लागू किया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर पे पैनल 1.92 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश करता है, तो न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगी। लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण बात समझनी होगी – विशेषज्ञों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर का एक बड़ा हिस्सा महंगाई समायोजन के लिए होता है, और जो बचता है वह वास्तविक वेतन वृद्धि है। इसका मतलब है कि 2.86 जैसा आंकड़ा भले ही बड़ा लगे, लेकिन असल फायदा उतना नहीं हो सकता।

पिछले वेतन आयोगों से तुलना

छठे वेतन आयोग (2006) में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, लेकिन वास्तविक वेतन वृद्धि लगभग 54% थी। वहीं सातवें वेतन आयोग (2016) में फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.57 हो गया, लेकिन वास्तविक वेतन वृद्धि केवल 14.2% थी। इससे पता चलता है कि सिर्फ फिटमेंट फैक्टर के आंकड़े से वास्तविक लाभ का अनुमान लगाना मुश्किल है।

फिटमेंट फैक्टर की असली गणना

सातवें वेतन आयोग में, फिटमेंट फैक्टर की गणना 2.25% मौजूदा सैलरी और 125% महंगाई भत्ते को जोड़कर की गई थी। इसमें वास्तविक वेतन में केवल 0.32% की वृद्धि हुई थी। यानी अगर पुरानी सैलरी को 2.57 से गुणा किया गया, तो इसका केवल 14.2% ही वास्तव में ‘नया पैसा’ था। बाकी तो महंगाई के अनुसार समायोजन था।

आगे की राह

वर्तमान में, लगभग 47 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी सरकार द्वारा टीओआर को अंतिम रूप देने और वेतन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। आठवें वेतन आयोग की अवधि जनवरी 2026 से शुरू होगी, क्योंकि वर्तमान सातवें वेतन आयोग की अवधि 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो रही है।

अस्वीकरण

यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। आठवें वेतन आयोग से संबंधित अंतिम निर्णय सरकार द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचनाओं पर निर्भर करेंगे। फिटमेंट फैक्टर और वास्तविक वेतन वृद्धि के बारे में उल्लिखित आंकड़े अनुमानित हैं और परिवर्तन के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया वित्त मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट देखें या संबंधित विभागीय सूचनाओं का संदर्भ लें।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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